गणेश जी की पूजा सबसे पहले क्यूं होती है?

मंदिरों का रहष्य
मंदिरों का रहष्य
हिन्दू देवी-देवता ||भगवान गणेश जी का त्यौहार - गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)
भगवान गणेश जी का त्यौहार - गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

नमस्कार दोस्तों।।

  • हमारे वेबसाइट पर आपका स्वागत है । आज हम हिन्दू अनुष्ठानों के एक अत्यंत रोचक पहलू पर चर्चा करने वाले हैं (गणेश जी का महत्व) —क्यों हर समारोह में गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है? चाहे वो एक विशाल उत्सव हो या एक छोटा घरेलू पूजा, गणेश जी हमेशा प्राथमिकता पाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों? हमारे साथ बने रहें क्योंकि हम इस परंपरा के पीछे की मिथकीय कहानियों और धार्मिक महत्व को खोजेंगे।
  • हिन्दू धर्म में (गणेश जी का महत्व ) गणेश जी की पूजा सबसे पहले इसलिए होती है क्योंकि उन्हें ‘विघ्नहर्ता’ यानी बाधाओं का नाश करने वाले के रूप में माना जाता है। भगवान गणेश देवो के देव भगवान शिव और माता पार्वती के सबसे छोटे पुत्र हैं। इसके अलावा, अनेक पौराणिक कथा है जो इस परंपरा और भगवान श्री गणेश जी की महत्ता को भी अधिक गहराई से समझाती है। 

गणेश जी का महत्व: –

गणेश जी का महत्व लिंग पुराण के अनुसार

  • जब देवता और असुर अक्सर युद्ध में उलझे रहते थे, तब देवताओं को अक्सर असुरों की बढ़ती शक्तियों और उनके द्वारा किए गए दुष्कर्मों से समस्या होती थी। देवताओं ने इस समस्या का समाधान ढूँढने के लिए भगवान शिव की शरण ली।देवताओं ने भगवान शिव से एक ऐसे वरदान की मांग की, जिससे वे असुरों के कुकर्मों में विघ्न डाल सकें और उनके प्रयासों को असफल बना सकें। भगवान शिव, जो कि संहारक और संरक्षक दोनों हैं, ने देवताओं की प्रार्थना स्वीकार कर ली और उन्हें वरदान दिया कि उनकी सहायता के लिए विघ्नेश्वर गणेश जी प्रकट होंगे।सही समय आने पर, गणेश जी प्रकट हुए। उनका जन्म ही विशेष था क्योंकि उन्होंने अपने जन्म के साथ ही विघ्नों को नष्ट करने की अद्भुत शक्ति प्राप्त की थी। उनके आगमन के साथ ही देवताओं ने उनकी विधिवत पूजा आरंभ की, और भगवान शिव ने उन्हें विशेष रूप से दैत्यों के कामों में विघ्न डालने का आदेश दिया।गणेश जी की इस अनोखी शक्ति के कारण, उन्हें विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाने लगा। इस प्रकार, हर मांगलिक कार्य और पूजा में उनकी पूजा सबसे पहले की जाने लगी, ताकि उनके आशीर्वाद से सभी अडचनें दूर हों और कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें। 

गणेश जी का महत्व महर्षि पाणिनि के अनुसार 

  • अष्टवसु वेदिक धर्म में आठ प्राकृतिक देवताओं का एक समूह हैं जो विभिन्न दिशाओं और प्राकृतिक तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देवताओं का वर्णन वेदों और अन्य पुराणों में किया गया है, और इन्हें दुनिया के आठ मुख्य दिशा-निर्देशक देवता माना जाता है।इस विचार के अनुसार, गणेश जी को ‘गणपति’ अर्थात् सभी गणों के स्वामी के रूप में माना जाता है। यहाँ ‘गण’ शब्द का उपयोग समूह या संगठन के लिए किया गया है, और गणपति इस संदर्भ में उन सभी दिव्य समूहों के नियंत्रक और संरक्षक हैं।इस व्यवस्था में, गणेश जी की पूजा सभी प्रमुख मांगलिक कामों और पूजाओं में सबसे पहले की जाती है, क्योंकि वे दिशाओं के स्वामी हैं और उनके बिना किसी भी दिशा से कोई भी देवी-देवता का आगमन संभव नहीं है।  

गणेश जी का महत्व शिव महापुराण में वर्णित 

  • कथा के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने गणेश जी को अपने शरीर की मैल से उत्पन्न किया और उन्हें अपने निवास की रखवाली के लिए द्वार पर खड़ा किया। जब भगवान शिव वहां आए, तो गणेश जी ने उन्हें पहचाने बिना उन्हें प्रवेश से रोक दिया। इससे क्रुद्ध होकर शिव और गणेश के बीच युद्ध हो गया, जिसमें गणेश जी का सिर शिव द्वारा काट दिया गया।जब देवी पार्वती ने यह दृश्य देखा, तो वे अत्यंत दुखी और क्रोधित हुईं। उन्होंने शिव से गणेश जी को पुनः जीवित करने की मांग की। तब शिव ने निकटतम जीव का सिर लाने का आदेश दिया, जो कि एक हाथी का सिर था। उस सिर को गणेश जी के धड़ पर लगा दिया गया और इस प्रकार गणेश जी पुनः जीवित हो गए। देवी पार्वती ने तब चिंता व्यक्त की कि इस नए रूप में उनके पुत्र की पूजा कौन करेगा। इस पर भगवान शिव ने वरदान दिया कि गणेश जी की पूजा सभी देवताओं के पूजन से पहले की जाएगी। यह आश्वासन दिया गया कि गणेश जी के बिना किसी भी पूजा या मांगलिक कार्य को अधूरा माना जाएगा। 

गणेश जी का महत्व गणेश पुराण  के अनुसार 

  • एक बार सभी देवताओं के बीच यह विवाद हुआ कि पूजा में सबसे पहले किसकी पूजा की जाए। इस विवाद को सुलझाने के लिए शिव और पार्वती ने एक परीक्षा रखी, जिसमें सभी देवताओं को पृथ्वी का एक चक्कर लगाकर वापस आना था। गणेश जी ने अपनी बुद्धिमत्ता का प्रयोग करते हुए अपने माता-पिता की परिक्रमा की और उन्हें ही अपनी पूरी दुनिया माना, क्योंकि वे सबकी उत्पत्ति का कारण हैं। इस प्रकार, गणेश जी ने यह परीक्षा जीत ली और इस घटना के बाद उन्हें पूजा में पहला स्थान दिया गया। 
  • आज की हमारी चर्चा में हमने जाना कि कैसे गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य का स्थान प्राप्त हुआ। उनकी बुद्धिमत्ता, समर्पण और विघ्नहर्ता की भूमिका ने उन्हें यह विशेष स्थान दिलाया। हमें आशा है कि यह विषय आपको पसंद आया होगा और इससे आपको गणेश जी के महत्व की गहराई समझने में मदद मिली होगी। 

अगर आपको यह विषय उपयोगी लगा हो, तो कृपया इसे लाइक करें, शेयर करें और हमारे वेबसाइट को विजिट करना न भूलें। हमारे ब्लॉग पर विजिट करने के लिए धन्यवाद। हमारे ब्लॉग पोस्ट को और बेहतर बनाने के लिए अपना कॉमेंट देना ना भूलें। अगले ब्लाॅग में हम और भी रोचक विषयों पर चर्चा करेंगे। अगर आप अपने किसी विषय पर ब्लॉग ढूंढ रहे हों तो हमें कॉमेंट करें।।

धन्यवाद और नमस्कार || 

जय श्री गणेश।। 

References:-

  1. https://www.bhaskar.com/ 
  2. https://www.india.com/hindi-news/faith-hindi/ganesh-ji-puja-niyam-why-ganesh-ji-is-worshiped-first-know-the-story-behind-it-6095141/ 
  3. https://bitly.cx/jq1

“जय श्री गणेश।।”

Facebook
Email
WhatsApp
Twitter
LinkedIn
Telegram
Threads
Lord Ganesh. जय श्री गणेश।।
जय श्री गणेश।।
जय श्री गणेश।।
गणेश जी का महत्व
इंडोनेशिया । Indonesia । चित्रकला एवं मूर्तिकला विकास (Artistic And Sculptural Developments)
धर्म एवम् संस्कृति
sacredhinduvision.com

हिंदू-बौद्ध काल – इंडोनेशिया का इतिहास

नमस्कार दोस्तों ।। स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर, जहाँ हम इतिहास की रोमांचक कहानियों को आपके साथ साझा करते हैं। आज हम एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे – इंडोनेशिया का हिंदू-बौद्ध काल का इतिहास। यह काल इंडोनेशिया के सांस्कृतिक और धार्मिक विकास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। इस वीडियो में हम आपको उस समय के सामाजिक, धार्मिक, और राजनीतिक पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। तो चलिए, शुरू करते हैं

Read More »
हिन्दू मंदिर | Hindu Temple |नागर शैली में निर्मित मन्दिर (Nagara Style Temple)
मंदिरों का रहष्य
sacredhinduvision.com

Exploration of Hindu Temple and Architecture: Temples and Their Symbolism

Hello friends.   Welcome to our website with a new blog. Today, we will discuss a fascinating and important topic – “Hindu Art and Architecture: Temples and Their Symbolism.” Hindu temples are not just places of worship; they are a magnificent fusion of art, culture, and spirituality. Since ancient times, the architecture of Hindu temples and the symbolism embedded within them have showcased glimpses of Indian culture and its deep spiritual heritage.  History of Hindu Temples

Read More »
हिन्दू मंदिर । Hindu Temple । राम मन्दिर - एक आधुनिक पर्यटन स्थल (Ram Mandir - A Modern Tourism Place)
मंदिरों का रहष्य
sacredhinduvision.com

हिन्दू मंदिर और वास्तुकला का अन्वेषण: मंदिर और उनका प्रतीकवाद 

नमस्कार दोस्तों।। हमारे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है। आज हम एक बेहद रोचक और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे – “हिन्दू कला और वास्तुकला: मंदिर और उनका प्रतीकवाद”। हिन्दू मंदिर सिर्फ पूजा स्थल नहीं हैं, बल्कि ये कला, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम हैं। प्राचीन काल से ही हिन्दू मंदिरों की वास्तुकला और उसमें समाहित प्रतीकवाद हमें भारतीय संस्कृति और उसकी गहरी आध्यात्मिक धरोहर की झलक दिखाता है। हिन्दू मंदिरों का इतिहास (History

Read More »
आयुर्वेद का हिन्दू संस्कृति में महत्व (Importance of Ayurveda in Hindu Culture)
धर्म एवम् संस्कृति
sacredhinduvision.com

The Importance of Ayurveda in Sanatana Culture

 Hello friends.   Welcome to our website with a new blog. Today, we will discuss a very important and interesting topic – “The Importance of Ayurveda in Hindu Culture.” Ayurveda is not just a medical system but a lifestyle that teaches us to balance our body, mind, and soul. This ancient knowledge, passed down through generations, holds significant importance in our culture and daily lives even today.  The History of Ayurveda (आयुर्वेद का इतिहास)   The

Read More »
आयुर्वेद का हिन्दू संस्कृति में महत्व (Importance of Ayurveda in Hindu Culture)
धर्म एवम् संस्कृति
sacredhinduvision.com

आयुर्वेद का हिन्दू संस्कृति में महत्व 

नमस्कार दोस्तों।।  हमारे वेबसाइट में आपका स्वागत है। आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक विषय पर बात करेंगे – “हिन्दू संस्कृति में आयुर्वेद का महत्व”। यह सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो हमें हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित रखने की शिक्षा देती है। यह सदियों पुरानी विद्या हमारे पूर्वजों की धरोहर है और आज भी हमारी संस्कृति और जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। आयुर्वेद

Read More »
Dharma (धर्म ) || Hindu Vision || धर्म एवम् संस्कृति || Dharma & Sanskriti
धर्म एवम् संस्कृति
sacredhinduvision.com

Understanding the concept of Dharma in Hindu Philosophy

धर्मेण हीनाः पशुभिः समानाः।  यद् धर्मो नास्ति हतं तद् यथा तत्।।  i.e.,  Without Dharma, humans are like animals.  Where there is no Dharma, that place is destroyed.  Hello friends.   Welcome to our website with the new blog. Today, we will discuss a very important and profound topic – “The Importance of Dharma in Hindu Philosophy”. Dharma is one of the fundamental principles of Hindu life, and understanding it is crucial not just from a religious

Read More »
AAS Pvt. Ltd.

Posts

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
South Africa vs Pakistan Women ODI Series 2025: Thrills, Centuries & Record Partnerships H-1B Shake-Up 2025: Big Fees, Big Changes, Big Impact! “Elon Musk’s $1 Billion Bet on Tesla: Confidence Soars” Yoga aur Dhyan ka Mahatva